वो सजदा ही क्या जिस में,
सर उठाने का होश रहे,

इजहारे इश्क़ का मजा तो तब हैं,

जब मैं ख़ामोश रहूं,
और तुम बेचैन रहो।।

Hindi Shayri by Ridj : 111649047

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