मे और मेरे अह्सास

दर्द को लाड़ करने से क्या हासिल होगा?
दिल मे आग भरने से क्या हासिल होगा?

चाहत की इन्तहा होने तक प्यार किया है l
बारबार उनपे मरने से क्या हासिल होगा?

जिन्हें बाते बनानी है वो तो बाते बनाएंगे l
यू ज़माने से डरने से क्या हासिल होगा?

दर्शिता

Hindi Poem by Darshita Babubhai Shah : 111647581

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