ओम श्री जय सूर्य देवाय नमः ओम श्री जय सूर्य देवाय नमः ब्रह्मदत्त
अर्घ्य देते समय का मंत्र पाठ :
‘ऊँ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते।
अनुकंपये माम भक्त्या गृहणाघ्र्यं दिवाकर:।। (11 बार)
ऊँ ह्रीं ह्रीं सूर्याय, सहस्त्रकिरणाय।
मनोवांछित फलं देहि देहि स्वाहा: ।। ( 3 बार)
इसके बाद सीधे हाथ की अंजूरी में जल लेकर अपने चारों ओर छिडक़ें।
अपने स्थान पर ही तीन बार घुम कर परिक्रमा करें।
आसन उठाकर उस स्थान को नमन करें। ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़
सूर्य गायत्री मंत्र
1.ऊँ आदित्याय विदमहे प्रभाकराय धीमहितन्न: सूर्य प्रचोदयात्
2.ऊँ सप्ततुरंगाय विद्महे सहस्त्रकिरणाय धीमहि तन्नो रवि: प्रचोदयात् ।
अर्थ मंत्र ‘ऊँ एहि सूर्य ! सहस्त्रांशो तेजोराशि जगत्पते ।
करूणाकर में देव गृहाणाध्र्य नमोस्तु ते । ब्रह्मदत्त त्यागी हापुड़

Hindi Religious by ब्रह्मदत्त उर्फटीटू त्यागी चमरी हापुड़ : 111646026

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