सोचते रहे ये रातभर, करवट बदल बदलकर,
जाने क्यों बदल गया कोई, मुझे इतना बदलकर..

Hindi Shayri by Sarita Sharma : 111643828
Harsh Parmar 3 years ago

"उठाना खुद ही पड़ता है थका टुटा बदन अपना, की जब तक साँसे चलती है, कन्धा कोई नहीं देता !!"

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