भारतीय संस्कृति और ज्ञान की
पताका दुनिया में लहराने वाले
अध्यात्म और सनातन धर्म को
सकल विश्व को समझाने वाले
मेरे प्यारे भाइयों और बहनों से
जग को सम्बोधित करने वाले
भारतीय दर्शन से इस धरा को
सुवासित और सुरभित करने वाले
युवा वर्ग में चेतना भरने को
"उठो, जागो और चलो,जब तक
तुम्हारी मंजिल न मिल जाये"
का आवाहन करने वाले
बुद्धि, विवेक के स्वामी को
मेरा कोटि- कोटि अभिनंदन है
जन्मदिवस के शुभ अवसर पर
आपको मेरा नमन और वंदन है।।

-आशा झा Sakhi

Hindi Poem by आशा झा Sakhi : 111643638

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