सबब क्या है इस बेरुखी का
जरा हमें तो बताइये
क्यों हैं आज रूठे हुए से
जरा कारण बताइये
अपनी गर्म मिजाजी को
जरा नरम बनाइये
मत रहिये यूँ खफा- खफा
अब मान भी जाइये।।

-आशा झा Sakhi

Hindi Shayri by आशा झा Sakhi : 111643347

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