हज़ारो सवाल दफना दिए इस छोटे से दिल में
आखिर बेरंग जीवन से हमें कैसी मोहब्बत ?

मांगते रहे दुआओ में जिन ख़ुशी के पल को
फिर वही गम मिलने पे हम करें किससे शिकायत ?

ख्वाबों से भरा मन यह मेरा बह गया बारिश की बूंदों में
पहनके नकाब गुलाब का चुभे काँटों की करें कैसे इबादत ?

जिन लम्हों को हम जीने की उम्मीद मान बैठे थे
मिटाके खौफ खुदा का लादी रहन में यह कैसी कयामत ?

अपना मानके दी जगह जिन्हे अपने आलय में
कर गए क़त्ल सरेआम कातिलों से हमें कैसी हिफाजत ?


-Patel Anjali

Hindi Poem by Patel anjali : 111642908

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