पकड़ के मत रखो किसी का हाथ जबरदस्ती,,
जो उसकी ख़ुशी नही। अपना हाथ पकड़ रखने मे वो आपको क्या खुशियाँ दे पायेंगे?
नही ना, फिर आजाद कर दो उसे जो तुम्हें ख़ुशी दे भी नही पाता और आपके साथ खुश भी नही है ऐसै बेकार मे हाथ पकड़ना तो पिंजरें मे क़ैद करने बारबर का है।।
-D S Dipu શબ્દો નો સાથ