यादों का भी क्या खूब सफर है
कभी हसी तो कभी आसू दे जाती है
लाख कोशीष करलो फिर भी
कुछ गहरी यादें भुलाई नही जा सकती
और जब भी आती है दिल चिर चिर कर जाती है।।

# शुभ सकाळ🙏

-Pradnya Narkhede

Marathi Shayri by Pradnya Narkhede : 111641591

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