कुछ आदतें यु ही लग सी जाती है
कभी सही तो कभी गलत साबीत होती है
सही तो ठीक है पर गलत आदतों का क्या करे
छुडाने जाओ तो और ज्यादा गहरी होती जाती है।

-Pradnya Narkhede

Hindi Shayri by Pradnya Narkhede : 111640952

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now