1. चलते-चलते ही ये एहसास हो गया फिर,
तुमने कदम बढ़ाकर पीछे हटाया क्यों था।
2.
रुक ही जाते तुम्हारे जवाब के इंतजार में,
शामिल नहीं मेरी फितरत में किसी को असंमजस में डालना।
3.
अक्सर भूल जाते हैं वो हमें याद रखना,
हमने उनकी इस भूल पर अब माफी नहीं रखी है।
कामनी गुप्ता***
जम्मू !

Hindi Shayri by Kamini Gupta : 111640231

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