श्वासों सों का खेल है सारा,
जिसमें बंधा जीवन है सारा।
इक पल जो थम सी जाए,
अपने, बेगानों का भेद बताए।
धन और शौहरत ये सारी ही,
इसका मोल न चुका सके कहीं।

कामनी गुप्ता***
जम्मू !

Hindi Shayri by Kamini Gupta : 111639558
Kamini Gupta 3 years ago

धन्यवाद जी

मनिष कुमार मित्र" 3 years ago

वाह कामिनी जी बहुत खूब एवं मार्मिक हृदयस्पर्शी शायरी। धन्यवाद 🙏

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