सबकी ही ज़िंदगी में रोटी और मकान हो 
चाहे न हो शान -बान ,न ही ताम-झाम हो  
भूखा न रहे कोई ,ये है मेरी आरज़ू 
जीवन न बेबसी का कभी भी गुलाम हो 

नवीन वर्ष की शुभकामनाओं के साथ -----
डॉ. प्रणव भारती 

Hindi Good Night by Pranava Bharti : 111638009

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