🌹💝 अनदेखे धागों से... 💝🌹

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अनदेखे धागों से हमें
यूँ बाँध गया कोई
वो साथ भी नहीं
और हम आज़ाद भी नहीं!
जाने कब दिल में
यूँ समा गया कोई
वो भूला भी नहीं
और हमें याद भी नहीं!

उसके लिए बेचैन भी हैं
मगर उसे सोचकर ही हमें
मिलता सूकून है
वही वज़ह बेक़रारी का
फिर भी दिल में उसे चाहने का
छाया जुनून है!

सुनाकर इश्क के नगमें
हमें इस कदर रिझा गया कोई
वो पास भी नहीं
उसके अलावा कुछ अहसास भी नहीं!
अनदेखे धागों से हमें
यूँ बाँध गया कोई
वो साथ भी नहीं
और हम आज़ाद भी नहीं ! ! !

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Shreya "PSYCHO"
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Hindi Poem by Shreya : 111633144

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