ज़िन्दागी एक ऐसा सफर है जहा हर समय हमें
कोई न कोई मुसाफिर मिलता है
वो कुछ देर हमारे साथ रहता है
अच्छे बुरे वक़्त में हमारे साथ चलता है
फिर एक वक़्त में हमें छोड़ के अपनी राह पे निकल जाता है
और हम कही कही उसे अपनी ज़िन्दागी का एक हिस्सा समझ
लेते है और उसके जाते ही एकेले पड़ जाता है
तब वक़्त को समझते हुए खुद खुद के सच्चे हम सफर बने
जिसे आपको किसी की जरूर न पड़े।।
हम हमारे साथ हमेशा रहते है।।🤗🤗
✍️Urmi chauhan✍️