तुझको दुनिया बना लेने के बारे में सोचना गलती थी मेरी,
दिन रात सिर्फ तुम्हे सोचना गलती थी मेरी,
आखिर प्यार सोचना गलती थी मेरी ,
तुम्हे हमसफर मानना गलती थी मेरी,
तेरे इस लुटेरे चेहरे से अपना दिल चोरी कराना गलती थी मेरी,

-ADARSH PRATAP SINGH

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