वापसी की गुहार

तुम चले जाओगे, बहुत याद आओगे
छोड़ कर जाओगे, दिल को बहुत तड़पाओगे
आंखे नम हो जाएंगी याद कर तुम्हे
ढूंढेंगी रहेंगी निगाहें इधर उधर तुम्हे
यादों में सोचता रहूंगा मै हरदम तुम्हे

जब जाना ही था यूं छोड़ कर,
तो मुझसे लगन लगाई क्यों
लौटना नहीं जब मुंह मोड़कर,
तो इतनी प्रीत बढ़ाई क्यों

आओ भी अब लौट कर,
करने को अंतिम मिलन

बेताब हूं तुम्हे सोचकर,
निभाने को सारे वचन।।


#षणानन

Hindi Poem by Abhinav Bajpai : 111623300
shekhar kharadi Idriya 3 years ago

अति सुंदर

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