गली के नुक्क्ड़ से एक बात चली;
ना जाने कहाँ से पली-बढ़ी;
थी छोटी-सी बात;
पर मिर्च-मसाला लगाकर;
बन गई कुछ ख़ास...
फुसफुसाहट और खुसपुस का पहने लिबास;
ना जाने कैसा, ओढ़े नकाब;
पेट में पची नहीं, बातोंबातों में फंसी रही;
इधर से उधर, करती रही मुलाक़ात;
एक छोटी सी बात का; बतंगड़ बना दिया गया जनाब...

-मंजरी शर्मा

Hindi Thought by मंजरी शर्मा : 111621475
Ahilya Ghanate 3 years ago

E too btw ooo choti si bat kyse badi...aur KY thi

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