दिल ही जानता है
तेरे दर्द को मैंने, अपना दर्द बनाया था
देने को तुझे सहारा, हाथ अपना बढ़ाया था
अँधेरे को दूर भगा, उजाले में लाया था
देने को साथ तेरा खुद को हरदम तपाया था
मेरा दिल ही जानता है,
मैंने अपना हर फर्ज़ निभाया था

-Priya Saini

Hindi Sorry by Priya Saini : 111621040

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