बीवी मेरी मोटी-तगड़ी करती है उपवास
बोली वज़न घटाने का नुस्खा बड़ा है ख़ास

नुस्खा है ये ख़ास मैं खाना ही नहीं खाती
दूध दही फल जूस फ़कत मेवा ही चबाती

पास खड़े होकर करवाती बाई से सब काम
है मजाल जो कर लू मैं पल भर को आराम

सुबह-सवेरे उठकर मार्निंग वाॅक भी जाती
माॅल में जाकर शाम को शाॅपिग ख़ुद कर आती

जब भी आता फ़ोन टहल-टहल कर ही सुनती हूँ
दिन में कितनी ही बार सीढ़ियों पर चढ़ती हूँ

जाती हूँ जिम भी रोज़ पड़े कितनी ही सर्दी
घटे नहीं यह वज़न मेरा फिर क्यों बेदर्दी

फिर भी जाने क्यों वज़न मेरा बढ़ता ही जाए
कितने ही करे उपाय मेरे कुछ काम न आए

बोला मैं मुस्काये वज़न तो बटुए का घटता
बस करो अब उपवास तुम पे मोटापा जँचता

पुष्प सैनी 'पुष्प'
गुरुग्राम (हरियाणा)

Hindi Poem by Pushp Saini : 111619139
shekhar kharadi Idriya 3 years ago

स्त्री की यथार्थ समस्या का सुंदर चित्रण...

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