अब तो उसकी दीद को भी एक ज़माना हो गया ।
बनते बनते वाक़या भी एक फ़साना हो गया ।।
हम गए तो थे पर उनका दर नहीं हम पर खुला
यूँ समझिए इस बहाने आना-जाना हो गया ।
जी को लगता था कि रोना तो बड़ा आसान है
रोए तो आँखों के रस्ते खूँ बहाना हो गया ।
हम अभी ज़िन्दा है मरने की कोई सूरत नहीं
क्यूँ लगा दुनिया में अपना आबो-दाना हो गया ।
कांतिमोहन 'सोज़'