मन की डोर से जो हो बंधे,
वो रिश्ते कभी तूटते नहीं।
नींव जिसकी है खूब मज़बूत
कांटने से भी ये कटते नहीं।
मन की गहराई से बंधे रिश्ते
मिटाने से भी ये मिटते नहीं।
कोई अनेकों प्रयास कर ले,
ज़ूठी "प्रीत" से ये जुटते नहीं।
-पृथ्वी गोहेल

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