अच्छा हुवाकी ये माला टुट गई
"सारा भर्म मर्म हो गया "prem
नाह ही कुछ मांगनी की आशा
नाह ही बिनवजः मांफी मांगनी पड़ेगी तेरे से उपरवालेसे

Hindi Thought by Prem_maru : 111616353

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