पत्ता नही क्या है ये ......

प्यार है या कुछ और .....

नाहीं हमें किसी और का होने देता है ...

नाहीं उनसे प्यार होने का यकीन दिलाता है ...

क्या है ये उनसे ये कुछ समज नही आता है ....

किसी और के पास क्या जाए .....

हर वक्त उनका ही ख्याल मन में रहता है ...

नाही हम उनके है ....

नाही किसी और के हो पा रहे है ....

इसी कशमकश में लगता है ....

की खुद से ही दूर जा रहे है ।

Dr.Divya

Gujarati Shayri by Dr.Divya : 111615835
Dr.Divya 3 years ago

😝😝😜😜😜

Dr.Divya 3 years ago

Hene ....Mane pan evu lage chhe

Shefali 3 years ago

Dr દિવ્યા એ બીજા ડોક્ટર ને consult કરવા જોઈએ 🤗

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