कोई अपना करीब हो के भी दूर सा है...
वाह..! ज़िंदगी तेरा खेल भी अजीब सा है,
Raahi
जी करता है जिंदगी के साथ थोड़ा सा रो ले,
ए जिंदगी तू तक़दीर में भी नसीब सा है...

- परमार रोहिणी " राही "

Gujarati Shayri by Rohiniba Raahi : 111615382

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