तुजे पा तो लिया था मेने बस अपना बना न सके ..

चाहकर भी हम तेरे बिना मुसकरा न सके ..

तू था यही कहीं मेरे आसपास ही बस मेरे साथ न था

तेरे बिना कोई खुशी हम अपना न सके ....

तेरी हर बात पे आँख बंद करके यकीन किया मेंने ...

तूने तो हरपल कहा ही था कि चले जाओंगे तुम ...

पर हम तेरी यही बात पे यकीन कर ना सके ...

तेरी यादों का समंदर था मेरे पास तो बस ख्वाबो में ही रहे ...

चाह कर भी हकीकत को हम अपना न सके ...

तेरे साथ न होने के वजूद को मान न सके ....

Dr.Divya

Gujarati Shayri by Dr.Divya : 111615124
Dr.Divya 3 years ago

Thank you 😇😇🙏

Dr.Divya 3 years ago

Abhar tamaro 🙏🙏😇😇

Dr.Divya 3 years ago

Are are thank you 🤗🤗😍😍😍

Dr.Divya 3 years ago

Thank you🙏😇

Shefali 3 years ago

Superb 👌🏼

मनिष कुमार मित्र" 3 years ago

बहुत ही लाजवाब और दिलचस्प शायरी। धन्यवाद 🙏

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