My Wonderful Poem...!!!

कितनी मुद्दतों के बाद मिले हैं ये नैना
पलके हैं कि झुकने का नाम नहीं लेती

युग बीत गया होठोपे हंसी को आते हुए
अब आज हंसी रुकनेका नाम नहीं लेती

दर्द की कर्राहट भी एक अजीब शेह हैं
जब हावी होती तो चैनपल भर नही देतीं

दर्द जिस्मानी हो या ज़ेहनी दर्द बस दर्द
होतीं प्रभुको याद करनेपे मजबूर करती

नास्तिक हो या आस्तिक दर्दके मारे बंदे
अर्चना-प्रार्थना रुकनेका नाम नही लेतीं

पर ग़ज़ब की महामारी हैं यह कोरोना भी
आज हर प्रभु दरबार खुलने का नाम...

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Hindi Motivational by Rooh   The Spiritual Power : 111614180

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