बड़े ही खूबसूरत नजारें है इस दुनियाँ के,
एक ओर हक़ीक़त तो एक ओर आईना लिए बैठी है...
Raahi
नजरें जज़्बात बयाँ करे तो लफ्ज़ो की क्या ज़रूरत..?
पर हर शख्शियत यहा अल्फाज़ो पे ग़ौर किए बैठी है...

- परमार रोहिणी " राही "

Gujarati Shayri by Rohiniba Raahi : 111614088

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