कुछ अधुरापन था, जो कभी पुरा हुआ हि नहीं ,

कोइ था मेरा, जो मेरा हुआ हि नहीं..

ए- हुस्न - की - राजकुमारी

Hindi Shayri by ए- हुस्न - की - राजकुमारी : 111613936

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