आओ साथ बैठकर चाय पीते हैं। हों तुम्हारे दिल में भी कुछ बातें, उसे भी सुन लेते हैं। लेकिन जब लम्हा मेरे दिल की बात कहने का हों, तो जरा सुन लेना। क्या पता फिर तुम मेरे रहो ना रहों।

खुशी ढोके

Marathi Thought by Khushi Dhoke..️️️ : 111612020

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