जिंदगी को कर दिया है जिंदगी के हवाले ...
गुमनाम सी राहो पर चल पड़े है यू ...
नाही रास्ते का पता ;
नाहीं मंजिल का .....
बस युही गुमराह फिर रहे हम ...
न जाने कोन सी डगर ....
कोन सी राह पर चल पड़े है कदम ...
कुछ पाने की आरजू में ;
कुछ ख्वाहिशें पूरी करने की आरजू में ;
सब कुछ लुटाने को चल पड़े है हम ...
Dr.Divya