इस अजनबी दुनिया में अकेला
ख्वाब हूँ मैं,
सवालों से खफा छोटा सा
जवाब हूँ मैं,
जो समझ न सके मुझे, उनके
लिए "कौन"
जो समझ गए उनके लिए खुली
किताब हूँ मैं,
आँख से देखोगे तो खुश
पाओगे,
दिल से पूछोगे तो दर्द का
सैलाब हूँ मैं..,,@

Hindi Shayri by Abbas khan : 111605858

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