इन निग़ाहों को सिर्फ तेरी तलाश क्यों है,
जब मुमकिन नहीं तुझे पाना,
तो ये झूठी आस क्यों है..
ना रिश्ता कोई बाक़ी है जब दरम्यां हमारे,
फिर भी इस दिल में तेरा ही एहसास क्यों है..

-Sarita Sharma

Hindi Shayri by Sarita Sharma : 111605563

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