उनकी कल्पना
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उनकी कल्पना तड़पाती रहती है
शब भर।

तस्वीर आंखों में आती रहती है
शब भर।

कभी डुबाती तो कभी
उभारती रहती है,
याद उनकी लहर बन के
भिगोती रहती है शब भर।

हर ख़्वाब महकता है मेरा
उनकी कल्पना में,
खिले खिले गुलाब सी
महकाती रहती है शब भर।

तस्वीर आंखों में आती रहती है
शब भर।

उनकी कल्पना तड़पाती रहती है
शब भर।

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-सन्तोष दौनेरिया



(शब भर - रात भर)



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Hindi Song by Santosh Doneria : 111602744
Santosh Doneria 3 years ago

तह-ए-दिल से आपका शुक्रिया 🙏

shekhar kharadi Idriya 3 years ago

गुनगुनाता हुआ गीत

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