मेरा क्यू ये हाल रहता है
मेरा दिल ये मुझसे पूछता है
तन्हाई में धेरै रहता है
अपने आप मे खोया रहता है
दुनिया से बेपरवाह रहता है
गुमसुम सा सदा ये रहता है
डूबा डूबा सा रहता है
किस जहां में खोया रहता है
मेरा क्यू हाल रहता है
मेरा दिल ये मुझसे पूछता है
तुझे ही याद करता है
तेरी ही यादो में रहता है
हरपल ढूढ़ता फिरता है
आवारा बनके फिरता है
गली मुहल्ले में फिरता है
दीवाना ये बनके फिरता है
पागल क्यू लोग कहते है
मेरा क्यू ये हाल रहता है
मेरा दिल ये मुझसे पूछता है
मेरा क्यू ये हाल रहता है
हेतल .जोशी ...राजकोट

Hindi Poem by Hetaljoshi : 111601802

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now