देश में हरियाली लानी हैं, मुश्किल सब की हर जानी है।
गंदा बहता क्यो पानी हैं,सब करते क्यो मनमानी है।
क्यूँ कोई मरे गंदे धूऐसे, शुद्ध हवाको करजानी है।
उठाकर सारा बोझ कूड़े का, धरती सुंदर कर जानी है।
कूड़ेदानीकी रंगत देखो, सूखी - हरी सब भरजानी हैं।
औरौकी क्यूँ सोचे सारे, पहल हम ही को कर जानी है।
देश हमारा स्वच्छ रहे बस ,आन उसी से रह जानी है ।
-Dr.Sarita