हे कान्हा, एक ही विनती है
किसी ओर के लिए ही की है
उनकी लकीरों में खुशियां मांगी है
परेशानियों से लडने की हिम्मत मांगी है
मुस्कुराहट की लकीर मुकम्मल करनी है
उनकी सारी बलाएं अपने सर लेनी है
समुंदर से भी गहरा प्यार मुझसे करते है
उसी प्यार का कर्ज इसी जनम में चुकाना है।
DEAR ZINDAGI 💞🌹