क्या कुछ नहीं हुआ तबाही में खुदा,
वो निश्वार्थ प्यार कर कर के टूट गया,
उसको कमियां देखने में दिक्कत आई।

मेरी ताउम्र के हिस्से में करिश्में देखे,
टूटकर अंदर से खुद में रों रही है,
जब से बहुत कुछ नजरअंदाज कर आई।

DEAR ZINDAGI 😔

Hindi Shayri by Dear Zindagi : 111595061

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