वृन्दावन में रास खेले काना l
संग गोपियों से खेले काना ll

राधा गोरी नाचे रुमझुम l
संग ढोल बाजे धमधम l
अपनी धुन मे खेले काना ll

ना लोकलाज की परवा l
ना घरवालो की चिता l
संग राधिका खेले काना ll
#NAVRATRI

Hindi Poem by Darshita Babubhai Shah : 111595038

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