आओ मरहम बन जाते हैं;
किसीके जख्म मिटाते हैं;

दुनियाने किया जीसे जख्मी,
उनको प्यारसे सहलाते हैं;

प्यार में हो गया जो जख्मी,
उनको जीना सीखाते हैं;

बनकर एक-दूजे के मरहम
एक-दूजे का दर्द मिटाते हैं;

एक दूसरे को खुश करके,
खुशहाल दुनिया बनाते हैं;

Hindi Poem by વિનોદ. મો. સોલંકી .વ્યોમ. : 111594723

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