डूबा रहा जो बरसों
तम के अंधकार में
जगमगा उठा नगर आज
दीयों के प्रकाश में
देखो सरयू के तट पर
दीपावली की जगमगाहट हुई
पांच लाख ,इक्यावन हजार
पांच सौ एक दीयों से
आज अयोध्या रौशन हुई
रंग गयी है अवधपुरी
आज भगवा रंग में
एक भगवाधारी के कारण
नगर में भगवा की सजावट हुई
राह देख रहा जन मानस
प्रतीक्षा की घड़ियां विकल हुई
श्री राम के नगरागमन की
पुनः सुगबुगाहट हुई।।

-Sakhi

Hindi Poem by आशा झा Sakhi : 111594690

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now