एक आवाज है जो मेरे कानो में गूंज सी रही है,,,!
पिछले जन्मों का कुछ हिस्सा का हिसाब याद कर रही है,,,!

रिश्ता नहीं फिर भी कहीं बाते मेरे सीने से कहती रही है,,,!
रूह से रूह का कैद हुए पंछी को लगता आजाद कर रही है,,,!

हर आरजू में जिसकी ईबादत हुई, वो फिर ख़ुदा तेरा सज़दा कर रही है,,,!
अल्लाह की रहमत बाते वो दूर बैठे बैठे मुझे जान का वास्ता दे रही है,,,!

DEAR ZINDAGI 💞

Hindi Shayri by Dear Zindagi : 111594003

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