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तुम गम भुलाने को पीते हो
फिक्र को धूंवे में उड़ा देते हो
में भी करना चाहती हूं नशा
तेरी इस रुसवाई का ही सही
पर एक तुम हो के
अपने पास कहाँ आने देते हो...??

वर्मा कामिनी

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Hindi Blog by Kaamini : 111592166

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