मोहब्बतका हिसाब हम क्या करे
इश्क़में मेरे क़र्ज़े बड़े है
आहटका मेरी अब हम क्या करे
बाज़ार में मेरे चर्चे बड़े है
हो तुमभी फ़रियादी तो हम क्या करे
हमें चाहनेवाले आशिक़ बड़े है
सँभलते नहीं हम तो क्या करे
हमें रखने के ख़र्चे बड़े है
तुमारे दिलका तो हम क्या करे
हमपे मरनेवाले हज़ारों खड़े है
©એમજદિલથી (Hiren Bhatt)
#એમજદિલથી

Hindi Poem by Hiren Bhatt : 111592068

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