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मुस्कुराते चेहरों के पीछे छुपे आँसुओ को पढ़ना हम जानते है
ग़ालिब कभी हम भी तो इसी दौर से जो गुज़रे है।

वर्मा कामिनी

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English Quotes by Kaamini : 111591344

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