बचपन भी बडा अजीब था . खेलते थे सब , पर खिलाड़ी कोई नहीं था.आपस में लडते थे बहुत , पर पराया कोई नहीं था.ना कोई राग ना कोई द्वेष था.बचपन तो बचपन ही था.

-Urvish Patel

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