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के जमाने में
वो ख़त का जमाना
बहुत याद आया
खादी के कपड़ों में घर घर जाने वाला
#पोस्टमैन वो पुराना याद आया।
यादें जो हमको फुर्सत का पल
याद दिलाती है
इन यादों को फिर से बुनते है
यादों में खुद को ढूंढते है
वो पुराने जमाने में खो जाते है
दादा, दादी, के गाव जाते है
खेलते है और झूमते हैं
खुली हवा में सांस लें
अपनों के संग साथ रहे
वो पुरानी बातें बहुत याद आते है
जी करता है
चलों फिर से बच्चे बन जाते है।
चलो फिर से बच्चे बन जाते है।।

#पोस्टमैन
#Arjuna Bunty

Hindi Poem by Arjuna Bunty : 111588515

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