प्रथम विश्व युद्ध के समय ब्रिटेन की तरफ से लड़ने के लिये 12लाख70हजार भारतीय सैनिक गये।
भारतीय राजा रजवाड़ो ने अपने खजाने खोल दिये।।
75 हजार भारतीय विदेशी धरती पर मारे गये जिनकी लाश तक का क्रियाकर्म नही हो सका,
घरवाले अंतिम दर्शन भी नही कर सके।
लाखो घायल हुए,
हजारो के अंग भंग हो गये,
बहुत से लोग पूरी उम्र अपाहिज रहे।
भारतीय लोग अंग्रेजों के गुलाम होते हुए भी उनकी जीत के लिए प्रार्थना कर रहे थे।
युद्ध की समाप्ति के बाद जीतने पर भी ब्रिटेन दुखी था क्योंकि उसकी अर्थव्यवस्था बुरी तरह बिगड़ चुकी थी,
उनके सामने अपने देश को संभालने के लिये भी संकट खड़ा हो चुका था।

वहीं इतनी गुलामी झेलने पर भी भारतीयों ने इस जीत का जश्न मनाया,
अंगेजो में उत्साह भरा की वो फिर खड़े हो और हम पर अच्छे से शासन कर सकें।
वही हुआ,

अंग्रेज दशयुओ ने भारत को और ज्यादा लूटा ,
नये नये टैक्स लगाये।

और हम तो बड़े दिलवाले है,
वसुदेव कुटुम्बकम जपते रहे,

सर्वे भवन्तु सुखिनः की प्रार्थना करते रहे।

'अहिंसा'परमो धर्म का जाप करके हुए नपुंसकता की अंतिम सीढ़ी चढ़ने लगे।।

#अहिंसा

Hindi Motivational by S Choudhary : 111587120

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