उसके दर्द का मजाक बन गया
इंसाफ की आग में उसका परिवार भी जल गया

नजाने उसके कांपते हुए हाथों ने
किस कदर खुदको बचाया होगा

पर हार गए वो हाथ सरकार के सामने
क्या सोच के उसकी लाश को जलाया होगा

नजाने किस रीत को आगे बढ़ाए जा रहे हैं
राम के भक्त बने भूमिपूजन शौक से है करते

बहु बेटी भले जले पर इनकी
सोने की लंका को यहाँ आंच तक न लगे

एक जान की कीमत है लगाई
पूरे देश ने बस मोमबत्ती है जलाई

मैं भी गुनहगार हूँ तेरा बहन
गर तेरे लिए आवाज़ ना उठाई...

_हर्षद मोलिश्री

#justiceforhathrasrapevictim

Hindi Thought by Harshad Molishree : 111586923

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