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#करूणा

#करुणा बङी अजीब थी ,मेरे दुख थे बङे गरीब
उसने मेरी पीठ पर , हंस कर रखा सलीब ।।

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( नोट : सलीब कहते है , सूली को )

Hindi Hiku by Deep Joshi : 111586720
WR.MESSI 3 years ago

लाजवाब कथन सर जी शब्द शब्द में कहानी लिखी हुई नज़र आती हैं । बहुत गहरी विचार की नदी बहती नज़र आती हैं ।

shekhar kharadi Idriya 3 years ago

बेहतरीन...

K I R T I 3 years ago

सुंदर यथार्थ कथन 👌

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